Tuesday 3 September 2013

आदमी


आदमी का दस्तूर है कैसा ,
उसके लिये सब कुछ है पैसा .

डूबे पाप में आकण्ठ ,
चाहे फिर भी बैकुण्ठ .

बोले जीवन में इतना झूठ ,
रह गया सत्य का वृक्ष ठुठ .



बगल में छुरी , मुहं में राम ,
पाप कटाने घूमे चारों धाम .

खेल अजब है आदमी का देख ,
शरीर एक ,मगर चेहरे अनेक .

धर्म की करता सार्थक बातें ,
मौका मिलते ही करता घाते .

खाकर चोट खुद है बडा रोता ,
दुसरों के तन में काँटे चुभोता . 

जिस दिन ये अपना असल रुप दिखलायेगा ,
शायद उसी दिन आदमी , मानव कहलायेगा


 .https://www.facebook.com/manju.pandey.98?ref=stream&hc_location=stream



Thursday 22 August 2013

भारतीय शिक्षा पद्धति में दंड का वैज्ञानिक महत्त्व -

भारतीय शिक्षा पद्धति में दंड का वैज्ञानिक महत्त्व -
"चलो कान पकड़ो और उठक बैठक लगाओ" यह सज़ा मास्टरजी क्यों देते है , ये शायद उन्हें खुद भी नहीं मालुम होगा. आपको ये जानकर हैरानी होगी की ये सज़ा भारत में प्राचीन गुरुकुल शिक्षा पद्धति के समय से चली आ रही है. तब यह सिर्फ उन बच्चों की दी जाती थी जो पढाई में कमज़ोर थे. पर अब हर किसी बच्चे को किसी भी गलती के लिए दे देते है ; क्योंकि उन्हें इसके पीछे का विज्ञान नहीं पता.
हाथ क्रॉस कर कान पकड़ने की मुद्रा ब्रेन के मेमोरी सेल्स की ओर रक्त संचालन में वृद्धि करती है. साथ ही यह ब्रेन के दाए और बाए हिस्से में संतुलन स्थापित कर ब्रेन के कार्य को और बेहतर बनाती है. यह मुद्रा चंचल वृत्ति को शांत भी करती है. कान में मौजूद एक्युप्रेशर के बिंदु नर्व्ज़ के कार्य को सुचारू बनाते है और बुद्धि का विकास करते है. यह मुद्रा ऑटिज्म , एसपर्जर सिंड्रोम , लर्निंग डिसेबिलिटी , बिहेवियर प्रॉब्लम में भी मदद करती है.

आज हम स्मरण शक्ति बढाने वाली इस मुद्रा को भुला चुके है और दुसरी तरह की सज़ा जैसे हेड डाउन , क्लास के बाहर निकालना , अर्थ दंड आदि देते है. पर पश्चिमी देशों में इसका बहुत उपयोग किया जा रहा है| इसे कई बीमारियों में भी करने का परामर्श दिया जा रहा है |

अमेरिका में इसे याद्दास्थ बढाने वाला सुपर पावर योगा कहा गया है | (यह लाइन लिखनी जरुरी थी नहीं तो लोग इसको भी गप्प मानते)...

https://www.facebook.com/manju.pandey.98?ref=stream&hc_location=stream

Wednesday 21 August 2013

'बस एक मिनट'

 'बस एक मिनट'


अक्सर हम बात बात में कह देते है की 'बस एक मिनट' और इसे बेहद मामूली समय समझते है, लेकिन आपको पता नही की इस एक मिनट में दुनिया में क्या क्या हो जाता है !
1मिनट में गूगल पर 6,94,445 सर्च हो जाते है !
98 हजार ट्विट हो जाते है और 320 अकाउंट भी खुल जाते है !
60 नए ब्लॉग अकाउंट खुल जाते है ! 


37000 लोग कॉल कर लेते है स्काइप पर !
600 नए विडियो अपलोड हो जाते है यूटयूब पर !
6600 फिल्मे अपलोड हो जाती है फिल्कर पर !
150 करोड़ टेक्स्ट मैसेज भेजे दिये जाते है!
168 करोड़ ईमेल भेज दिए जाते है !
3 करोड़ कोशिकाए मर जाती है हमारे शरीरकी !
15000 डॉलर कमा लेते है बिल गेट्स !
7 लोग मर जाते है धुम्रपान से !
1 करोड़ सिगरेट पी ली जाती है !
258 शिशुओ का जन्म हो जाता है !
13000 हिट हो जाते है म्यूजिक स्ट्रिमिंग पैण्डोर पर !
360 बार बिजली भी गिर जाती है पृथ्वी पर !
और 'एक मिनट' में मैंने ये सब लिख भी दिया अब क्या आप हमे लाइक और शेयर करने के लिए 2 सेकंड भी नहीं दे सकते?



https://www.facebook.com/zinaIsiKaNaamHai?ref=stream&hc_location=stream

प्रकृति के संकेत खाद्य पदार्थ

1. अखरोट की रचना सिर की तरह होती है तथा उसके अंदर भरा हुआ गूदा मस्तिष्क की तरह होता है। यही गूदा पर्याप्त मात्रा में नियमित सेवन करने से सिर संबंधी समस्याओं पर कंट्रोल होता है तथा मस्तिष्क की कार्य क्षमता एवं क्रिया प्रणाली में पॉजीटिव प्रभाव नजर आने लगता है।


2. पिस्ता आँख की भाँति दिखाई देता है। पिस्ते के अंदर का खाया जाने वाला हरे रंग का हिस्सा आँख के लिए परम लाभदायक होता है, इसलिए नेत्रों के लिए परम लाभदायक होता है। नेत्र लाभ के लिए कुछ मात्रा में पिस्ते का सेवन हमें करना चाहिए या यूँ कहें कि नेत्र रोगों के इलाज में पिस्ता आपकी सहायता कर सकता है।

3. जिन्होंने किडनी को देखा है या जो उसके आकार से परिचित हैं, वे यह कह सकते हैं कि काजू, सोयाबीन तथा किडनी बीन जैसे कुछ मेवे तथा फली वाले अनाज वगैरह किडनी को स्वस्थ बनाए रखने में सहायक हो सकते हैं।

4. किशमिश या अंगूर की रचना पित्ताशय (गाल ब्लैडर) से बहुत कुछ 'मैच' करती है, इसीलिए पित्ताशय को चुस्त-दुरुस्त रखने के लिए किशमिश या अंगूर का सेवन लाभदायक हो सकता है।

5. बादाम का आकार जहाँ एक ओर नेत्रों की तरह होता है, वहीं दूसरी ओर उसकी समानता मस्तिष्क से भी की जा सकती है। बादाम का नियमित सेवन नेत्र तथा मस्तिष्क दोनों ही के लिए परम प्रभावी होता है।

6. अनार के दानों का रंग रक्त के समान होने से अनारदानों का रस रक्त शोधक (खून की सफाई करने वाला) एवं रक्तर्द्धक (खून बढ़ाने वाला) होता है।

7. सेवफल का आकार और रंग भी बहुत कुछ हृदय के समान होता है, इसलिए सेवफल का नियमित सेवन हृदय के लिए विशेष लाभदायक होता है।

8. नारंगी की फाँकें किडनी और आँत से मेल खाती हैं, इसीलिए इसका नियमित सेवन किडनी तथा आँत के लिए फायदेमंद है।

9. गिलकी या घिया और तोरई आँत के एक भाग की तरह दिखाई देती है, इसलिए आँत की क्रिया प्रणाली को व्यवस्थित करने में इसका जवाब नहीं इनमें 'रफेज' की मात्रा भी बहुत है।

10. लम्बी-पतली ककड़ी तो मानो आँत ही हो। इसका सेवन कब्ज दूर करता है और आँत क्रिया प्रणाली को नियमित करता है। ऐसे अनेक प्राकृतिक संकेत या संदेश वनस्पतिज पदार्थों में छिपे हुए हैं, जिनको समझकर स्वास्थ्य लाभ उठाया जा सकता है।
https://www.facebook.com/pragyprintingpresssampla

इक हरामखोर आदमखोर नेता इस वतन कोबेच देताहै.

कोई टोपी तो कोई अपनी पगड़ी बेच देता है,
मिले गर भाव अच्छा जज भी कुर्सी बेच देता है,
तवायफ फिर भी अच्छी है के वो सीमित है कोठे तक,
पुलिस वाला तो चौराहे पे वर्दी बेच देता है,
जला दी जाती है ससुराल में अक्सर वही बेटी,
जिस बेटी की खातिर बाप किडनी बेच देता है,
कोई मासूम लड़की प्यार में कुर्बान है जिस पर,
बना कर विडियो उसकी वो प्रेमी बेचदेता है,
ये कलयुग है कोई भी चीज नामुमकिन नहीं इसमें,
कलि, फल, पेड़, पोधे, फुल माली बेच देता है,
जुए में बिक गया हु मैं तो हैरत क्यों है लोगो को,
युधिष्ठर तो जुए में अपनी पत्नी बेच देता है,
कोयले की दलाली में है मुह काला यहाँ सब का,
इन्साफ की क्या बात करे इंसान ईमान बेच देता है,
जान दे दी वतन पर जिन बेनाम शहीदों ने,
इक हरामखोर आदमखोर नेता इस वतन कोबेच देताहै.

https://www.facebook.com/zinaIsiKaNaamHai?hc_location=stream

भारतीय तो कहीं मिले ही नही

एक अमेरिकी भारत में घूमने के लिए आता है और जब वापस अमेरिका पहुचता है तो उसका एक भारतीय मूल का मित्र
उससे पूछता है- कैसा रहा भारत का दर्शन ??
वह बोलता है- "वास्तव में भारत एक अद्वितीय जगह है. मैंने ताजमहल देखा, दिल्ली, मुंबई से लेकर भारत की हर
वह छोटी बड़ी जगह देखी जो प्रसिद्द है.
.
वास्तव में भारत केवल एक ही है, कोई दूसरा नहीं."
.
भारतीय अपने देश की तारीफ सुनकर बहुत खुश हुआ. और पूछा "हमारे भारतीय कैसे हैं ??"
अमेरकी बड़े ध्यान से देखने लगा, फिर बोला...
"वहां तो मैंने कोई भारतीय देखा ही नहीं."
भारतीय पुरुष उसका मुह देखने लगा !!


.
अमेरिकी बोलता रहा- "मैं एअरपोर्ट पर उतरा तो सबसे पहले मेरी भेट मराठिओं से हुई, आगे बढा तो पंजाबी,
हरियाणवी, गुजरती, बिहारी, तमिल और आसामी जैसे बहुत से लोग मिले.
कहीं हिन्दू मिले तो कहीं सिक्ख, मुस्लिम और इसाई मिले...
.
छोटी जगहों पर गया तो बनारसी, जौनपुरी, सुल्तानपुरी, बरेलवी मिले...
.
नेताओं से मिला तो कांग्रेसी, भाजपाई, बसपाई, AAP वाले ... गाँव में गया तो ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शुद्र मिले.
परन्तु भारतीय तो कहीं मिले ही नही.



"मैं एअरपोर्ट पर उतरा तो सबसे पहले मेरी भेट मराठिओं से हुई, आगे बढा तो पंजाबी,
हरियाणवी, गुजरती, बिहारी, तमिल और आसामी जैसे बहुत से लोग मिले.
कहीं हिन्दू मिले तो कहीं सिक्ख, मुस्लिम और इसाई मिले...
.
छोटी जगहों पर गया तो बनारसी, जौनपुरी, सुल्तानपुरी, बरेलवी मिले...
.
नेताओं से मिला तो कांग्रेसी, भाजपाई, बसपाई, AAP वाले ... गाँव में गया तो ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शुद्र मिले.
परन्तु भारतीय तो कहीं मिले ही नही.



https://www.facebook.com/zinaIsiKaNaamHai?hc_location=stream

Saturday 17 August 2013

मेरी माँ से मेरा पहचान है

मेरी माँ से मेरा पहचान है


माना कि मेरी दिलरुबा मेरी जान है !
पर इससे पहले मेरी माँ से मेरा पहचान है !!

अपनी मोहब्बत के लिए हद से भी गजर सकता हुँ मैँ !
पर माँ के लिये तो अपनी जान भी लुटा सकता हुँ मैँ !!




माना कि इश्क एक समुन्द्र - सी गहराई है !
पर माँ के कदमों मेँ तो जन्नत हमने पायी है !!

इश्क मेँ हर पल डुब जाने का दिल करता है !
पर माँ के आर्शिवाद के बिना कोइ काम कहाँ बनता है !!

इश्क मेँ कभी भी धोखा सकते हैँ !
पर माँ से तो बस प्यार ही पा सकते हैँ !!


https://www.facebook.com/zinaIsiKaNaamHai?ref=stream&hc_location=stream

गंजी

पत्नी ने पति से कहा, "कितनी देर तक समाचार पत्र पढ़ते रहोगे ? यहाँ आओ और अपनी प्यारी बेटी को खाना खिलाओ" पति ने समाचार पत्र एक तरफ़ फेका और बेटी की ध्यान दिया,बेटी की आंखों में आँसू थे और सामने खाने की प्लेट... बेटी एक अच्छी लड़की है और अपनी उम्र के बच्चों से ज्यादा समझदार. पति ने खाने की प्लेट को हाथ में लिया और बेटी से बोला,"बेटी खाना क्यों नहीं खा रही हो? आओ बेटी मैं खिलाऊँ." बेटी जिसे खाना नहीं भा रहा था, सुबक सुबक कर रोने लगी और कहने लगी,"मैं पूरा खाना खा लूँगी पर एक वादा करना पड़ेगा आपको." 

"वादा", पति ने बेटी को समझाते हुआ कहा, "इस प्रकार कोई महँगी चीज खरीदने के लिए जिद नहीं करते."
"नहीं पापा, मैं कोई महँगी चीज के लिए जिद नहीं कर रही हूँ." फिर बेटी ने धीरे धीरे खाना खाते हुये कहा,
"मैं अपने सभी बाल कटवाना चाहती हूँ."
पति और पत्नी दोनों अचंभित रह गए और बेटी को बहुत समझाया कि लड़कियों के लिए सिर के सारे बाल कटवा कर गंजा होना अच्छा नहीं लगता है. पर बेटी ने जवाब दिया, "पापा आपके कहने पर मैंने सड़ा खाना, जो कि मुझे अच्छा नहीं लग रहा था, खा लिया और अब वादा पूरा करने की आपकी बारी है." अंततः बेटी की जिद के आगे पति पत्नी को उसकी बात माननी ही पड़ी. अगले दिन पति बेटी को स्कूल छोड़ने गया.
बेटी गंजी बहुत ही अजीब लग रही थे. स्कूल में एक महिला ने पति से कहा, "आपकी बेटी ने एक बहुत ही बड़ा काम किया है. मेरा बेटा कैंसर से पीड़ित है और इलाजमें उसके सारे बाल खत्म हो गए हैं. वह् इस हालत में स्कूल नहीं आना चाहता था क्योंकि स्कूल में लड़के उसे चिढ़ाते हैं. पर आपकी बेटी ने कहा कि वह् भी गंजी होकर स्कूल आयेगी और वह् आ गई.इस कारण देखिये मेरा बेटा भी स्कूल आ गया. आप धन्य हैं कि आपके ऐसी बेटी है " पति को यह सब सुनकर रोना आ गया और उसने मन ही मन सोचा कि आज बेटी ने सीखा दिया कि प्यार क्या होता है.
इस पृथ्वी पर खुशहाल वह नहीं हैं जो अपनी शर्तों पर जीते हैं बल्कि खुशहाल वे हैं जो, जिन्हें वे प्यार करते हैं, उनके लिए बदल जाते है !

https://www.facebook.com/zinaIsiKaNaamHai?ref=stream&hc_location=stream

Saturday 10 August 2013

अरबी कहावत

जो जानता नहीं कि वह जानता नही, वह मुर्ख है - उसे दुर भगाओ। जो जानता है कि वह जानता नही, वह सीधा है - उसे सिखाओ। जो जानता नहीं कि वह जानता है, वह सोया है - उसे जगाओ। जो जानता है कि वह जानता है, वह सयाना है - उसे गुरु बनाओ।

जिसके पास स्वास्थ्य है, उसके पास आशा है तथा जिसके पास आशा है, उसके पास सब कुछ है। 

मौन के वृक्ष पार शान्ति का फल उगता है। 

निश्चंत मन, भरी थैली से अच्छा है। 

हरेक बर्तन से वही छलकता है जो कि उसमें होता है। 

'अल-मिस्ल फ़िल कलाम कल-मिल्ह फ़ित-तआम' यानी बातों में कहावतों या मुहावरों और उक्तियों की उतनी ही ज़रूरत है जितनी कि खाने में नमक की।

मनुष्य भूलों का अवतार है।

परमात्मा जब किसी आदमी को बनाता है, और दुनिया मे भेजने से पहले उसके कान में कहता है की, मैंने तुझसे अच्छा, तुझसे श्रेष्ट किसी को नहीं बनाया है और आदमी इसी मजाक के सहारे सारी ज़िन्दगी काट लेता है पर शिष्ठाचारवश किसी को कुछ नहीं कहता। पर शायद उसे पता नहीं की परमात्मा ने यही बात सबके कान में कही हुई है। 

फ़ारसी कहावत

परमेश्वर पर भरोसा रखिए, लेकिन अपने ऊंट को भी खूंटे से कस कर बांधे रखिए।

‘हर सुख़न मौक़ा व हर नुक़्ता मुक़ामे दारद’ यानी हर बात और बिंदु की अपनी एक जगह होती है।

ख़ुशबू को इत्र बेचने वाले की सिफ़ारिश की ज़रूरत नहीं होती। 

जो तुम पर छोटा पत्थर फेंके तुम उस पर उससे बड़ा पत्थर फेंको। 

'कूह बे कूह नेमी रसद अम्मा आदम बे आदम मी रसद' - एक पहाड़ दूसरे पहाड़ के हाथ नहीं लगता किंतु आदमी तो कभी न कभी आदमी के हाथ आवश्य लगता है। 

'दाख़िलेमून ख़ुदेमून रो कुश्त व बीरूनेमून मर्दुम रो', जिसका तात्पर्य है, विदित रूप से किसी रोचक वस्तु को देख कर उससे ईर्ष्या करना किंतु उसे प्राप्त करने में आने वाली कठिनाइयों की अनदेखी कर देना। 

'जहाँ-दीदा बिस्यार गोयद दरोग़' यानी अधिक दुनिया घूमा हुआ अधिक झूठ बोलता है।

'तुख़्मे मुर्ग़ दुज़्द, शुतुर दुज़्द मीशे' - मुर्ग़ी का अण्डा चुराने वाला अंततः ऊंट की चोरी करता है। 

सबकी मौत तो जश्न के क़ाबिल होती है। 

कोई भी जो़डा लगातार तीस दिनों तक शहद और पानी का सेवन करता है तो उनकी वैवाहिक जीवन बहुत सुखमय और स्वर्गिक आनंद से भरा हुआ होता है। 

नक़ल के लिए भी कुछ अकल चाहिए। 

'तन हम दाग, दाग़ सूद, पम्बा कुजा नेहाम' (पूरे बदन पर दाग़ ही दाग़ हैं) में कितनी जगह फाया रखूं। 

झूटे की याद दाश्त बहुत कमज़ोर होती है। 

'हरचे आमद इमारते नो साख्त' मतलब कि जो भी आया उसने एक नई इमारत बनवाई। 

अवसर पर दुश्मन को न लगाया हुआ थप्पड़ अपने मुह पर लगता है। 

'दरमियाने कअरे दरिया, तख्ताबंदम कर दइ, वाज मी गोई की दामन तर मकुन हुशियार वाश' अर्थात ये नाविक तूने मुझे नदी के बीच लाकर पटक दिया है और कहता है देख हुशियार रहना तेरा दामन गीला न होने पाए। 

जो ऊपर जाता है वह नीचे भी आता है।

जबान के घाव सबसे गहरे होते हैं। 

'सामने बैठे मूर्ख को कभी मूर्ख न कहो क्योंकि वह मूर्ख है' वरना मुसीबत लाजमी है।

रूसी कहावत

हमारे आँगन में भी सूरज की धूप अवश्य आएगी।

हमारे पास जो है हम उसकी परवाह नहीं करते, लेकिन जब उसे खो देते हैं तो शोक मनाते हैं।

राहगीर ही रास्तों को जीतते हैं यानी यात्री ही राह को पार करते हैं। लेकिन किसी भी राह पर प्रारम्भिक क़दम उठाना हमेशा बड़ा कठिन होता है। 

भगवान से प्रार्थना करो लेकिन नाव को किनारे तक खेना ना रोको" जीसका मतलब है कि भगवान पर भरोसा रखो लेकिन खुदकी मदद कि ज़िम्मेदारी सिर्फ आपकी है।

दो नए दोस्त एक पुराने दोस्त के बराबर होते हैं।

आप तब तक किसी को जान नहीं सकते, जब तक कि उसके साथ आपने एक पुड (वजन का नाप, जो तक़रीबन 16 किलो के बराबर होता है) नमक न खाया हो।

मुसीबत लोगों को एक दूसरे के क़रीब लाती है और उनमें एक दूसरे की सहायता करने के लिए भावनाएँ भर देती है।

सोती लोमड़ी सपने में मुर्गियाँ ही गिनती रहती है, क्योंकि जागते हुए वह इसी उधेड़बुन में लगी रहती है कि मुर्गियों को कैसे पकड़े। इसी तरह किसी काम या उलझन में होने पर व्यक्ति को उठते-बैठते, खाते-पीते, सोते-जागते उस काम के सिवाय कुछ नहीं सूझता। 

भिखारी की गठरी और जेल से कोई बच न पायेगा। 

जापानी कहावत

यदि आप सात बार गिरते हैं, तो आठ बार खड़ें हों।

एक मीठा बोल सर्दी के तीन महीनों को ऊष्मा दे सकता है।

ज़िंदगी तो कुल एक पीढ़ी भर की होती है, पर नेक काम पीढ़ी दर पीढ़ी चलता है। 

असफलता से सफलता की शिक्षा मिलती है।

अगर कोई कर सकता हैं, तुम भी कर सकते हो, अगर कोई नहीं कर सकता तो तुम्हे जरुर करना हैं। 

हंसी के साथ समय गुजारने का अर्थ है ईश्वर के साथ समय गुजारना। यानी हंसी में है सबसे बड़ी खुशी। 

कर्म का ध्वनी शब्द से भी ऊंचा है। 

हममें से कोई उतना स्मार्ट नहीं है, जितने हम सब हैं। 

बन्दर पेड़ से ज़मीन पर गिर पड़े, फ़िर भी बन्दर ही रहता है, सो वह भी टार्जन की तरह। 

चीनी कहावत

शिक्षक द्वार खोलते हैं; लेकिन प्रवेश आपको स्वयं ही करना होता है। 

अध्यापक मार्गदर्शक का काम करते हैं, चलता आपको स्वयं पड़ता है।

अगर आप चाहते हैं कि किसी को मालूम न पड़े, तो ऐसा काम ही न करें।

यदि मुस्कान आपके स्वभाव में नहीं तो दुकानदारी के चक्कर में नहीं पड़े। 

जो हाथ फूल बांटता है उस हाथ में भी सुगंध आ जाती है।

गुलाब के फूलों को देनेवाले हाथों से खुशबू चिपकी रहती है। 

रईस जहां मौजूद होते हैं वहां की हवा की खुशबू बदल जाती है। 

यदि आप ग़ुस्से के एक क्षण में धैर्य रखते हैं, तो आप दुःख के सौ दिन से बच जाएंगे। 

ऐसा छात्र जो प्रश्न पूछता है, वह पांच मिनट के लिए मूर्ख रहता है, लेकिन जो पूछता ही नहीं है वह जिंदगी भर मूर्ख ही रहता है।

अच्छा क्या है, इसे सीखने के लिए एक हज़ार दिन भी अपर्याप्त हैं; लेकिन बुरा क्या है, यह सीखने के लिए एक घंटा भी ज़्यादा है। 

उदार मन वाले विभिन्न धर्मों में सत्य देखते हैं। संकीर्ण मन वाले केवल अंतर देखते हैं। 

हजारों मील की यात्रा भी प्रथम चरण से ही आरम्भ होती है। 

सबसे बड़ी यात्रा एक अकेले क़दम से शुरू होती है। 

हज़ार मील की यात्रा एक छोटे क़दम से शुरू होती है। 

लंबे से लंबे सफर की शुरुआत एक छोटे से क़दम से होती है। 

सबसे ऊंचे पहाड़ पर चढ़ने की शुरुआत एक छोटे से क़दम से होती है।

आहिस्ता चलने से नहीं, सिर्फ चुपचाप खड़े रहने से डर। 

आप अपने पास दुखों को आने से नहीं रोक सकते हैं, लेकिन आप उन दुखों से घबराएं नहीं, ऐसा तो आप कर सकते हैं। 

मोती समुद्र के किनारे पर नहीं मिलते अगर आपको मोती पाना हैं तो आपके समुद्र में गोता लगाना होगा। 

गज में क़ब्ज़ा करने से बेहतर है इंच में क़ब्ज़ा करना। 

दूल्हे के लायक़ है, उसके हाथ की ताकत। 

अगर तुम्हारे पास दो रुपये हो तो एक से रोटी ख़रीदो, दूसरे से फूल। रोटी तुम्हे ज़िन्दगी देगी और फूल तुम्हे जीने की कला सिखाएगा। 

अपने दूर रहने वाले रिश्तेदारों से अधिक महत्व अपने पड़ोसियों को दीजिए। 

केवल बातों से चांवल पकते नहीं। 

यदि कोई व्यक्ति अच्छा जीवन जीता है तो वह भारत में पुनर्जन्म लेगा। 

यदि आपको एक दिन की खुशी चाहिए, तो एक घंटा ज़्यादा सोएं। यदि एक हफ्ते की खुशी चाहिए, तो एक दिन पिकनिक पर अवश्य जाएं। यदि एक माह की खुशी चाहिए, तो अपने लोगों से मिलें। यदि एक साल के लिए खुशियां चाहिए, तो शादी कर लें और जिंदगी भर की खुशियां चाहिए तो किसी अनजान व्यक्ति की सहायता करें। 

इंसान बूढ़ा होता है और मोती पीले पड़ते जाते हैं, इनसे बचने का कोई उपाय नहीं है। लेकिन इन परिस्थितियों के लिए तैयारी करने के उपाय तो हैं। 

अंधेरे को कोसने से बेहतर है मोमबत्ती जलाओ। यानी कोसने से बेहतर करना है। 

संसार में दो ही व्यक्ति ऐसे हैं जो सही शब्दों में मानव हैं- एक जो मर चुका है, दूसरा जिसका अभी जन्म नहीं हुआ है। 

उदार मन वाले विभिन्न धर्मों में सत्य देखते हैं, संकीर्ण मन वाले केवल अंतर देखते हैं। 

चिड़ियां इसलिए नहीं गातीं कि उसके पास जवाब हैं। वे गाती हैं, क्योंकि उनके पास गीत हैं।' हालांकि हर गीत का अपना, अंचल जाति, संदर्भ और प्रभाव होता है। 

लड़ाई के जो तीन सौ सतरह पैंतरे ज्ञानियों ने गिनवाये हैं, उनमें जो पैंतरा सबसे उपयोगी बताया गया है वो यह है कि भाग लो। ~ 

बालक माता-पिता की विरासत लेकर चलता है, सिर्फ आर्थिक की नहीं, उनका रवैया, चरित्र और आचरण भी। यानी उसकी सबसे पहली नींव माता-पिता रचते हैं।

एक तस्वीर हज़ार शब्दों से ज़्यादा अर्थवान होती है। 

कुत्ते के ढेला मारने से पहले यह दरियाफ्त कर लेनी चाहिए कि इसका मालिक कौन है। 

कौन जाने क्या अच्छा, क्या बुरा। 

इंसान को कंघी तब मिलती है, जब वह गंजा हो जाता है। 

सख्त शिक्षा से श्रेष्ठ शिष्य निकलते हैं।

ख़ाली गिलास को ही भरा जा सकता है, भरे हुए गिलास में कुछ भी डालो छलक ही पड़ेगा। 

जब हाथी बीमार पड़ता है, तो नन्ही चीटियां भी उसे लात मार जाती हैं। 

अगर आप किसी को एक दिन का खाना देते हो तो उसका पेट एक दिन के लिए ही भरता है, परन्तु अगर आप उसे कमाना सिखा देते हो तो फिर उसे किसी से खाना मांगना नहीं पड़ता। 

बिना सद गुणों के सुन्दरता अभिशाप हैं। 

अच्छे व्यक्ति व वस्तुओं की अच्छाई भविष्य में ही पता चलती है।

चीनी लोग हर उस चीज़ को खाते हैं जो उड़ती हो, चलती हो, या तैरती हो. सिवा हवाई जहाज, मोटर गाड़ी और कुर्सी मेज के। 

जितनी सावधानी से छोटी मछली के व्यजंन पकाए जाते हैं, उतनी ही नजाकत से संभालना पड़ता है एक परिवार को। 

दस हज़ार किताबों को पढने से बेहतर, दस हज़ार मील की यात्रा करना है।

पीड़ा अनिवार्य है, पर पीड़ित होना वैकल्पिक। 

भोजन का स्वाद पहले आँखों से, फिर नासिका से और फिर मुंह से लिया जाना चाहिए। 

अनमोल वचन

अनमोल वचन
इतने मधुर न हों कि लोग आपको निगल लें, इतने कटु भी नहीं कि वे आपको उगल दें।
 ~ पश्तो की कहावत
सम्पत्ति उस व्यक्ति की होती है जो इसका आनन्द लेता है न कि उस व्यक्ति को जो इसे अपने पास रखता है।
 ~ अफगानी कहावत
हमारी पहचान हमेशा हमारे द्वारा छोड़ी गई उपलब्धियों से होती है।
 ~ अमरीकी कहावत
सत्य को जानो, वह तुम्हें मुक्त करेगा।
 ~ अमरीकी कहावत
'अमेरीकी माने बेस बॉल का खेल, मा और ऐप्पल पाई'।
 ~ अमरीकी कहावत
यदि आपको भगवान का भय है, तो आपको मनुष्यों से डर नहीं लगेगा।
 ~ अल्बानियाई कहावत
अगर आप कांटे फैलाते हैं तो नंगे पैर न चलें।
 ~ इटली की कहावत
दूसरों के मामलों में न्याय हो यह सभी को भाता है।
 ~ इटली की कहावत
ऐसे क़ानून व्यर्थ हैं जिनके अमल की व्यवस्था ही न हो।
 ~ इटली की कहावत
सभी जो चर्च जाते हैं संत नहीं होते।
 ~ इटली की कहावत
जो धीरे चलते हैं, वे दूर तक जाते हैं।
 ~ इटली की कहावत
अच्छी हंसी और गहरी नींद डॉक्टरों की किताब में सबसे अच्छा उपचार हैं।
 ~ आयरिश कहावत
अच्छे पत्ते जिसे मिले हों वह कभी नहीं कहेगा कि ग़लत बांटे हैं। 
~ आयरलैंड की कहावत
जो आपके साथ दूसरों की बातें करते हैं वे आपके बारे में भी बातें करेंगे। 
~ आयरलैंड की कहावत
ऐसा व्यक्ति जो अनुशासन के बिना जीवन जीता है वह सम्मान रहित मृत्यु मरता है।
 ~ आईसलैण्ड की कहावत
कड़े गोश्त के लिए - पैने दाँत।
 ~ तुर्की की कहावत
अच्छे मित्र के साथ कोई भी मार्ग लंबा नहीं होता है। 
~ तुर्की की कहावत
अगर एक औरत मुझे पैसे के लिए कहा क्योंकि उसके पति ने उसे मुझसे शादी करने के लिए, लेकिन अपने पैसे दूर रखने के लिए कहा।
 ~ तुर्की की कहावत
आप ज्वाला से आग नहीं बुझा सकते।
 ~ तुर्की की कहावत
हमेशा अच्छा नाम छोड़ कर जाएँ, हो सकता है आप वापस आएँ।
 ~ केन्या की लोकोक्ति
आपके पास जो आटा है आप उसी की रोटी बना सकते है।
 ~ डेन्मार्क की लोकोक्ति
अगर तुम घर में शान्ति चाहते हो, तो तुम्हें वह करना चाहिए जो गृहिणी चाहती है।
 ~ डेनिश कहावत
उस्ताद वह नहीं जो आरंभ करता है, बल्कि वह है जो पूर्ण करता है।
 ~ स्लोवाकिया की कहावत
जिस चीज़ को आप बदल नहीं सकते हैं, आपको उसे अवश्य ही सहन करना चाहिए।
 ~ स्पेनी कहावत
अपने स्वास्थ्य की देखभाल करने के लिए समय न निकालने वाला व्यक्ति ऐसे मिस्त्री के समान होता है तो अपने औजारों की ही देखभाल में व्यस्त रहता है
 ~ स्पेन की कहावत
सुन्दर नारी या तो मूर्ख होती नहीं या अभिमानी। 
~ स्पेनी कहावत
एक छंटाक ख़ून किलो भर दोस्ती से ज़्यादा क़ीमती होता है। 
~ स्पेनी कहावत
माल कैसा भी हो हांक हमेशा ऊंची लगानी चाहिए। 
~ स्पेनी कहावत
जो वस्तु हमें पसंद होती है, जरुरी नहीं कि वह हमें मिल ही जाये,, इसलिए जो मिलता है, उसे ही पसंद कर लिया जाना चाहिए। ~ स्पेनी कहावत
विचार से कर्म की उत्पत्ति होती है, कर्म से आदत की उत्पत्ति होती है, आदत से चरित्र की उत्पत्ति होती है और चरित्र से आपके प्रारब्ध की उत्पत्ति होती है। 
~ बौद्ध कहावत
धर्महीन व्यक्ति बिना नकेल वाले घोड़े की तरह होता है।
 ~ लातिनी कहावत
एक झूठ हज़ार सच्चाईयों का नाश कर देता है। 
~ घाना की कहावत
मित्रता आनन्द को दुगुना और दुःख को आधा कर देती है। 
~ मिस्र की कहावत
'नोलोम तो येएलो इहीबूह', इसका अर्थ है, हम उन्हें बता रहे हैं कि यह बैल है, लेकिन वे फिर भी दूध दुहने की बात करते हैं।
 ~ मिस्र की कहावत
बीमारी की कड़वाहट से व्यक्ति स्वास्थ्य की मधुरता समझ पाता है।
 ~ कैतालियाई कहावत
विवाह एक ढका हुआ पकवान है। 
~ स्विस कहावत
बांट लेने से सुख दूना होता है और दु:ख आधा।
 ~ स्वीडन की कहावत
साझा की गई खुशी दुगनी खुशी होती है; साझा किया गया दुख आधा होता है।
 ~ स्वीडन की कहावत
शरीर के मामले में जो स्थान साबुन का है, वही आत्मा के संदर्भ में आंसू का। 
~ यहूदी कहावत
समझदार व्यक्ति एक शब्द सुनता हैं और दो शब्द समझता हैं।
 ~ यहुदी कहावत 

Wednesday 7 August 2013

लोभ ही पाप का गुरु है।

पंडित का एक वैश्या से प्रश्न ......

एक पंडित जी कई वर्षों तक काशी में शास्त्रों का अध्ययन करने के बाद अपने गांव लौटे। गांव के एक किसान ने उनसे पूछा, पंडित जी आप हमें यह बताइए कि पाप का गुरु कौन है? प्रश्न सुन कर पंडित जी चकरा गए, क्योंकि भौतिक व आध्यात्मिक गुरु तो होते हैं, लेकिन पाप का भी गुरु होता है, यह उनकी समझ और अध्ययन के बाहर था। पंडित जी को लगा कि उनका अध्ययन अभी अधूरा है, इसलिए वे फिर काशी लौटे। फिर अनेक गुरुओं से मिले। मगर उन्हें किसान के सवाल का जवाब नहीं मिला। अचानक एक दिन उनकी मुलाकात एक वेश्या से हो गई। उसने पंडित जी से उनकी परेशानी का कारण पूछा, तो उन्होंने अपनी समस्या बता दी। वेश्या बोली, पंडित जी..! इसका उत्तर है तो बहुत ही आसान, लेकिन इसके लिए कुछ दिन आपको मेरे पड़ोस में रहना होगा। पंडित जी के हां कहने पर उसने अपने पास ही उनके रहने की अलग से व्यवस्था कर दी। पंडित जी किसी के हाथ का बना खाना नहीं खाते थे, नियम-आचार और धर्म के कट्टर अनुयायी थे। इसलिए अपने हाथ से खाना बनाते और खाते। इस प्रकार से कुछ दिन बड़े आराम से बीते, लेकिन सवाल का जवाब अभी नहीं मिला।
एक दिन वेश्या बोली, पंडित जी...! आपको बहुत तकलीफ होती है खाना बनाने में। यहां देखने वाला तो और कोई है नहीं। आप कहें तो मैं नहा-धोकर आपके लिए कुछ भोजन तैयार कर दिया करूं। आप मुझे यह सेवा का मौका दें, तो मैं दक्षिणा में पांच स्वर्ण मुद्राएं भी प्रतिदिन दूंगी।
स्वर्ण मुद्रा का नाम सुन कर पंडित जी को लोभ आ गया। साथ में पका-पकाया भोजन। अर्थात दोनों हाथों में लड्डू। इस लोभ में पंडित जी अपना नियम-व्रत, आचार-विचार धर्म सब कुछ भूल गए। पंडित जी ने हामी भर दी और वेश्या से बोले, ठीक है, तुम्हारी जैसी इच्छा। लेकिन इस बात का विशेष ध्यान रखना कि कोई देखे नहीं तुम्हें मेरी कोठी में आते-जाते हुए। वेश्या ने पहले ही दिन कई प्रकार के पकवान बनाकर पंडित जी के सामने परोस दिया। पर ज्यों ही पंडित जी खाने को तत्पर हुए, त्यों ही वेश्या ने उनके सामने से परोसी हुई थाली खींच ली। इस पर पंडित जी क्रुद्ध हो गए और बोले, यह क्या मजाक है? वेश्या ने कहा, यह मजाक नहीं है पंडित जी, यह तो आपके प्रश्न का उत्तर है।
यहां आने से पहले आप भोजन तो दूर, किसी के हाथ का भी नहीं पीते थे,मगर स्वर्ण मुद्राओं के लोभ में आपने मेरे हाथ का बना खाना भी स्वीकार कर लिया।
यह लोभ ही पाप का गुरु है।

https://www.facebook.com/manju.pandey.98?ref=stream&hc_location=stream

Sunday 4 August 2013

माँ-बाप की सेवा




एक बालक अपने माँ-बाप की खूब सेवा किया करता !

उसके दोस्त उससे कहते कि अगर इतनी सेवा तुमने भगवान की की होती तो तुम्हे भगवान मिल जाते !लेकिन इन सब चीजो से अनजान वो अपने माता पिता की सेवा करता रहा !

एक दिन उसकी माँ बाप की सेवा-भक्ति से खुश होकर भगवान धरती पर आ गये! उस वक्त वो बालक अपनी माँ के पाँव दबा रहा था!

भगवान दरवाजे के बाहर से बोले-दरवाजा खोलो बेटा मैं तुम्हारी माता-पिता की सेवा से प्रसन्न होकर तुम्हे वरदान देने आया हूँ!

बालक ने कहा -इंतजार करो प्रभु मैं माँ की सेवा मे लगा हूँ!

भगवान बोले-देखो मैं वापस चला जाऊँगा ! बालक ने कहा आप जा सकते है

भगवान मैं सेवा बीच मे नही छोड़ सकता! कुछ देर बाद उसने दरवाजा खोला तो क्या देखताहै भगवान बाहर खड़े थे!

भगवान बोले-लोगमुझे पाने के लिये कठोर तपस्या करते है पर मैं तुम्हे सहज ही मे मिल गया पर तुमने मुझसे प्रतीक्षा करवाई!

बालक ने जवाब दिया हे ईश्वर जिस माँ बाप की सेवा ने आपको मेरे पास आने को मजबूर कर दिया उन माँ बाप की सेवा बीच मे छोड़कर मैं दरवाजा खोलने कैसे आता!

यही इस जिंदगी का सार है! जिंदगी मे हमारे माँ-बाप से बढ़कर कुछ नही है .



Saturday 3 August 2013

सच्चे खालसाओ का धन्यवाद

 सच्चे खालसाओ का धन्यवाद
कुछ दोस्त मिलकर दिल्ली घूमने का प्रोग्राम बनाते है और रेलवे स्टेशन से बाहर निकलकर एकआटो रिक्शा किराए पर लेते है , उस आटो रिक्शा का ड्राइवर बुढ्ढा सरदार था, यात्रा के दौरान बच्चो को मस्ती सूझती है और सब दोस्त मिलकर बारी बारी सरदार पर बने जोक्स को एक दुसरे को सुनाते है उनका मकसद उस ड्राइवर को चिढाना था . लेकिन वो बुढ्ढा सरदार चिढना तो दूर पर उनके साथ हर जोक पर हस रहा था , सब साईट सीन को देख बच्चे वापस रेलवे स्टेशन आ जाते है …और तय किया किराया उस सरदार को चुकाते है , सरदार भी वो पैसे ले लेता है , पर हर बच्चे को अपनी और से एक एक रूपया हाथ में देता है एक लड़का बोलता है “बाबा जी हम सुबह से आपके धर्म पर जोक मार रहे है , आप गुस्सा तो दूर पर हर जोक में हमारे साथ हँस रहे थे , और जब ये यात्रा पूरी हो गई आप हर लडके को प्यार से एक-एक रूपया दे रहे है , ऐसा क्यों ? ” सरदार बोला ” बच्चो आप अभी जवान हो आपका नया खून है आप मस्ती नहीं करोगे तो कौन करेगा ? लेकिन मेने आपको एक-एक रूपया इस लिए दिया के जब वापस आप अपने अपने शहर जाओगे तो ये रूपया आप उस सरदार को दे देना जो रास्ते में भीख मांग रहा हो , इस बात को दो साल हो गए है और जितने लडके दिल्ली घूमने गए थे सब के पास वो एक रुपये का सिक्का आज भी जेब में पड़ा है …उन्हें कोई सरदार भीख मांगता नहीं दिखा। वह गैरेज खोलेगा ट्रक चलाएगा लेकिन भीख नहीं माँगेगा। उनकी आबादी देश की आबादी की मात्र 1.4% हैं पर टोटल टैक्स में उनका हिस्सा 35% का हैं, और सेना में भी 50000 से भी अधिक हैं। उनके लंगरों में खाना खाने वालो की जाति और धर्म नहीं पूछा जाता अल्पसंख्यक हैं पर अपने लिए आरक्षण नहीं माँगते स्वंत्रता आन्दोलन में सबसे अधिक अपने बेटो को खोया हैं पर कभी बदले में कुछ माँगा नहीं क्या बाकी के धर्म वाले उनसे कुछ सीखेंगे ??
Our Sikhs Brother contribute:-

* 35% of total income tax
* 67% of total charities
* 45% of Indian Army
* 59,000++ Gurudwaras serve
LANGAR to 5,900,000+ people
everyday !
किसी भी सरदार पर भददा जोक करने से पहले
एक बार ये जरुर सोच लेना कि देश के लिए
अपनी जवानी को दावं पर लगा देने वाले शाहिद
भगत सिंह भी एक सरदार थे..
शेयर करके सच्चे खालसाओ का धन्यवाद
ज्ञापित करिए।

https://www.facebook.com/MrYogii