Wednesday 21 August 2013

भारतीय तो कहीं मिले ही नही

एक अमेरिकी भारत में घूमने के लिए आता है और जब वापस अमेरिका पहुचता है तो उसका एक भारतीय मूल का मित्र
उससे पूछता है- कैसा रहा भारत का दर्शन ??
वह बोलता है- "वास्तव में भारत एक अद्वितीय जगह है. मैंने ताजमहल देखा, दिल्ली, मुंबई से लेकर भारत की हर
वह छोटी बड़ी जगह देखी जो प्रसिद्द है.
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वास्तव में भारत केवल एक ही है, कोई दूसरा नहीं."
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भारतीय अपने देश की तारीफ सुनकर बहुत खुश हुआ. और पूछा "हमारे भारतीय कैसे हैं ??"
अमेरकी बड़े ध्यान से देखने लगा, फिर बोला...
"वहां तो मैंने कोई भारतीय देखा ही नहीं."
भारतीय पुरुष उसका मुह देखने लगा !!


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अमेरिकी बोलता रहा- "मैं एअरपोर्ट पर उतरा तो सबसे पहले मेरी भेट मराठिओं से हुई, आगे बढा तो पंजाबी,
हरियाणवी, गुजरती, बिहारी, तमिल और आसामी जैसे बहुत से लोग मिले.
कहीं हिन्दू मिले तो कहीं सिक्ख, मुस्लिम और इसाई मिले...
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छोटी जगहों पर गया तो बनारसी, जौनपुरी, सुल्तानपुरी, बरेलवी मिले...
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नेताओं से मिला तो कांग्रेसी, भाजपाई, बसपाई, AAP वाले ... गाँव में गया तो ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शुद्र मिले.
परन्तु भारतीय तो कहीं मिले ही नही.



"मैं एअरपोर्ट पर उतरा तो सबसे पहले मेरी भेट मराठिओं से हुई, आगे बढा तो पंजाबी,
हरियाणवी, गुजरती, बिहारी, तमिल और आसामी जैसे बहुत से लोग मिले.
कहीं हिन्दू मिले तो कहीं सिक्ख, मुस्लिम और इसाई मिले...
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छोटी जगहों पर गया तो बनारसी, जौनपुरी, सुल्तानपुरी, बरेलवी मिले...
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नेताओं से मिला तो कांग्रेसी, भाजपाई, बसपाई, AAP वाले ... गाँव में गया तो ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शुद्र मिले.
परन्तु भारतीय तो कहीं मिले ही नही.



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