Saturday 3 August 2013

बेदर्दी बालमा



बेदर्दी बालमा तुझको मेरा मन याद करता है
बरसता है जो आँखों से वो सावन याद करता है

कभी हम साथ गुज़रे जिन सजीली रहगुज़ारों से
फ़िज़ा के भेस में गिरते हैं अब पत्ते चनारों से
ये राहें याद करती हैं ये गुलशन याद करता है

कोई झोंका हवा का जब मेरा आँचल उड़ाता है
गुमाँ होता है जैसे तू मेरा दामन हिलाता है
कभी चूमा था जो तूने वो दामन याद करता है

वो ही हैं झील के मंदर वो ही किरनों कि बरसातें
जहाँ हम तुम किया करते थे पहरों प्यार की बातें
तुझे इस झील का ख़ामोश दरपन याद करता है


https://www.facebook.com/manju.pandey.98?ref=stream&hc_location=stream

1 comment:

  1. Superb sensitive melody,the great,
    तु भी आजा के आ गइ रुत मस्तानी
    बोल सजनी बोल जानी,
    मेरी गली आ तेरी मेहरबानी,

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