हमारे आँगन में भी सूरज की धूप अवश्य आएगी।
हमारे पास जो है हम उसकी परवाह नहीं करते, लेकिन जब उसे खो देते हैं तो शोक मनाते हैं।
राहगीर ही रास्तों को जीतते हैं यानी यात्री ही राह को पार करते हैं। लेकिन किसी भी राह पर प्रारम्भिक क़दम उठाना हमेशा बड़ा कठिन होता है।
भगवान से प्रार्थना करो लेकिन नाव को किनारे तक खेना ना रोको" जीसका मतलब है कि भगवान पर भरोसा रखो लेकिन खुदकी मदद कि ज़िम्मेदारी सिर्फ आपकी है।
दो नए दोस्त एक पुराने दोस्त के बराबर होते हैं।
आप तब तक किसी को जान नहीं सकते, जब तक कि उसके साथ आपने एक पुड (वजन का नाप, जो तक़रीबन 16 किलो के बराबर होता है) नमक न खाया हो।
मुसीबत लोगों को एक दूसरे के क़रीब लाती है और उनमें एक दूसरे की सहायता करने के लिए भावनाएँ भर देती है।
सोती लोमड़ी सपने में मुर्गियाँ ही गिनती रहती है, क्योंकि जागते हुए वह इसी उधेड़बुन में लगी रहती है कि मुर्गियों को कैसे पकड़े। इसी तरह किसी काम या उलझन में होने पर व्यक्ति को उठते-बैठते, खाते-पीते, सोते-जागते उस काम के सिवाय कुछ नहीं सूझता।
भिखारी की गठरी और जेल से कोई बच न पायेगा।
हमारे पास जो है हम उसकी परवाह नहीं करते, लेकिन जब उसे खो देते हैं तो शोक मनाते हैं।
राहगीर ही रास्तों को जीतते हैं यानी यात्री ही राह को पार करते हैं। लेकिन किसी भी राह पर प्रारम्भिक क़दम उठाना हमेशा बड़ा कठिन होता है।
भगवान से प्रार्थना करो लेकिन नाव को किनारे तक खेना ना रोको" जीसका मतलब है कि भगवान पर भरोसा रखो लेकिन खुदकी मदद कि ज़िम्मेदारी सिर्फ आपकी है।
दो नए दोस्त एक पुराने दोस्त के बराबर होते हैं।
आप तब तक किसी को जान नहीं सकते, जब तक कि उसके साथ आपने एक पुड (वजन का नाप, जो तक़रीबन 16 किलो के बराबर होता है) नमक न खाया हो।
मुसीबत लोगों को एक दूसरे के क़रीब लाती है और उनमें एक दूसरे की सहायता करने के लिए भावनाएँ भर देती है।
सोती लोमड़ी सपने में मुर्गियाँ ही गिनती रहती है, क्योंकि जागते हुए वह इसी उधेड़बुन में लगी रहती है कि मुर्गियों को कैसे पकड़े। इसी तरह किसी काम या उलझन में होने पर व्यक्ति को उठते-बैठते, खाते-पीते, सोते-जागते उस काम के सिवाय कुछ नहीं सूझता।
भिखारी की गठरी और जेल से कोई बच न पायेगा।
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